Introduction
अगर आप अपने मेहनत से कमाए गए पैसों को कहीं निवेश करना चाहते हैं, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि वह प्लेटफॉर्म कैसा है, वह कैसे काम करता है, और उसमें कितना जोखिम (risk) है।
Mutual Fund एक ऐसा शानदार विकल्प है, जो आपके पैसे को सही दिशा में बढ़ाने का मौका देता है। यह आपको एक diversified portfolio उपलब्ध कराता है, जहां आपका पैसा कई कंपनियों में निवेश होता है।
Mutual fund में invest करने से पहले ये 11 golden rules को समझना बेहद जरूरी है, ताकि आप जोखिम को बेहतर तरीके से समझ सकें और इससे अधिकतम फायदा उठा सकें। यह जानना जरूरी है कि यह काम कैसे करता है, इसमें कितने प्रकार के जोखिम हो सकते हैं, और आपको इससे क्या फायदे मिल सकते हैं।
Table of Contents
Toggle1. Mutual Fund (म्यूचुअल फंड) क्या है?
Mutual Fund की परिभाषा
Mutual Fund एक निवेश का साधन है, जिसमें कई निवेशक (investors) अपना पैसा मिलाकर AMC (Asset Management Company) को सौंपते हैं। यह पैसा शेयर (shares), बॉन्ड (bonds), और अन्य फाइनेंशियल विकल्पों में लगाया जाता है।
Example:
मान लीजिए, 50 लोग हर महीने ₹2000 जमा करते हैं। इनका कुल फंड ₹1,00,000 बनता है। अब AMC इस फंड को अनुभवी फंड मैनेजर की मदद से अलग-अलग फाइनेंशियल विकल्पों में लगाती है, ताकि हर निवेशक को बेहतर रिटर्न मिल सके।
Mutual Fund कैसे काम करता है?
धन एकत्र करना (Collecting Funds)
निवेशक अपनी योजना के अनुसार पैसा लगाते हैं।
निवेश प्रक्रिया (Investment Process)
फंड मैनेजर इस राशि को शेयर बाजार (share market), बॉन्ड्स, और अन्य जगहों में निवेश करते हैं।
रिटर्न का वितरण (Distribution of Returns)
जो मुनाफा (profit) होता है, वह निवेशकों में उनके हिस्से के अनुसार बांट दिया जाता है।
AMC (Asset Management Company) की भूमिका
AMC की जिम्मेदारी है:
- निवेशकों का पैसा सही जगह लगाना।
- जोखिम (risk) को प्रबंधित करना।
- नियमित रूप से निवेशकों को रिपोर्ट देना।
SIP और Lump Sum Investment में अंतर
- SIP (Systematic Investment Plan):
- छोटे-छोटे अमाउंट (₹500 या ₹1000) से हर महीने निवेश करना।
- यह नियमित निवेश का विकल्प है।
- उदाहरण: मान लीजिए, आप ₹1000 हर महीने SIP में डालते हैं। धीरे-धीरे यह रकम कंपाउंडिंग की वजह से बढ़ती जाती है।
- Lump Sum Investment:
- एक बार में बड़ी रकम निवेश करना।
- यह उन लोगों के लिए बेहतर है, जिनके पास पहले से बड़ा अमाउंट है।
- उदाहरण: ₹50,000 का निवेश Equity Fund में लंबे समय तक बढ़ सकता है।
2. म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds)
1. इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds)
- शेयर मार्केट में निवेश करता है।
- उच्च जोखिम और लंबे समय में उच्च रिटर्न देने का लक्ष्य रखता है।
- किसके लिए सही:
- जो लोग लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन चाहते हैं।
- जो निवेश पर ज्यादा रिटर्न के लिए जोखिम लेने को तैयार हैं।
Example:
अगर आपने ₹10,000 Equity Mutual Fund में लगाया, तो यह पैसा IT, बैंकिंग, या ऑटोमोबाइल जैसी कंपनियों के शेयरों में जाएगा। यदि ये कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करती हैं, तो आपका पैसा बढ़ सकता है।
2. डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Funds)
- मुख्य रूप से Bonds, Treasury Bills और Government Securities में निवेश करता है।
- कम जोखिम और स्थिर रिटर्न का लक्ष्य रखता है।
- किसके लिए सही:
- जो लोग सुरक्षित निवेश चाहते हैं।
- जिन्हें नियमित आय की जरूरत है।
Example:
अगर आपने ₹20,000 Debt Fund में निवेश किया, तो यह पैसा Government Bonds या Fixed Income Securities में लगेगा, जिससे आपको निश्चित रिटर्न मिलेगा।
3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Funds)
- Equity और Debt दोनों का संतुलन।
- यह आपको शेयर मार्केट की ग्रोथ और डेट फंड की स्थिरता का लाभ देता है।
- किसके लिए सही:
- जो निवेशक मध्यम जोखिम लेना चाहते हैं।
Example:
मान लीजिए, आपने ₹15,000 Hybrid Fund में निवेश किया। इसका 60% हिस्सा Equity में और 40% Debt में लगाया जाएगा।
4. Index Funds और ETFs (Exchange-Traded Funds)
- मार्केट के किसी Index (जैसे Nifty 50) को ट्रैक करते हैं।
- किसके लिए सही:
- जो निवेशक कम लागत और कम जोखिम में निवेश करना चाहते हैं।
- जो मार्केट की ग्रोथ पर भरोसा करते हैं।
Example:
अगर Nifty 50 Index 10% बढ़ता है, तो आपका Index Fund या ETF भी लगभग 10% का रिटर्न देगा।
👉3. Mutual Fund में Invest करने के फायदे (Benefits of Investing in Mutual Funds)
1. प्रोफेशनल मैनेजमेंट (Professional Management)
आपका निवेश अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
Example: जैसे स्कूल में टीचर आपका गाइड करते हैं, फंड मैनेजर भी आपके पैसे को सही दिशा में लगाते हैं।
2. Diversification (विविधता)
Mutual Fund आपका पैसा कई जगहों पर लगाता है, जिससे जोखिम कम हो जाता है।
Example: टिफिन में कई तरह का खाना रखते हैं। अगर एक चीज खराब हो जाए, तो दूसरी खा सकते हैं।
3. Liquidity (तरलता)
Mutual Funds में जब जरूरत हो, आप पैसे निकाल सकते हैं।
Example: गुल्लक से पैसे निकालने जैसा।
4. टैक्स सेविंग (Tax Saving)
ELSS Funds के जरिए आप टैक्स में बचत कर सकते हैं।
Example: जैसे ₹1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है।
5. छोटे निवेश की सुविधा
SIP के जरिए ₹500 या ₹1000 जैसे छोटे अमाउंट से शुरुआत कर सकते हैं।
Example: जैसे हर महीने ₹500 बचाना लंबे समय में बड़ा फंड बना सकता है।
👉4. निवेश से जुड़े जोखिम (Risks Associated with Mutual Funds)
1. Market Risk (बाजार जोखिम)
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से आपके निवेश की वैल्यू कम हो सकती है।
Example: जैसे ₹100 का खिलौना ₹80 हो जाए।
2. Credit Risk (क्रेडिट जोखिम)
अगर कंपनियां कर्ज चुकाने में असफल होती हैं, तो नुकसान हो सकता है।
3. Interest Rate Risk (ब्याज दर जोखिम)
ब्याज दर बढ़ने से बॉन्ड की कीमतें गिर सकती हैं।
👉5. Investment शुरू करने से पहले जानने योग्य बातें (Things to Know Before Investing)
1. अपने Financial goal को स्पष्ट करें (Define Your Financial Goals)
Investment से पहले अपने goal को तय करें, जैसे कि घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, या रिटायरमेंट प्लानिंग।
Example: जैसे एक छात्र तय करता है कि उसे 90% लाना है और उसी के अनुसार पढ़ाई करता है, वैसे ही निवेश में भी लक्ष्य का होना जरूरी है।
2. अपनी जोखिम सहने की क्षमता को समझें (Understand Your Risk Appetite)
यह जानना जरूरी है कि आप कितना जोखिम (risk) सह सकते हैं।
- अधिक जोखिम से अधिक रिटर्न की संभावना होती है, लेकिन नुकसान का डर भी रहता है।
Example: अगर ऊँचाई से डर लगता है, तो आप छोटे झूले का चुनाव करेंगे। निवेश में भी ऐसा ही होता है।
3. निवेश की अवधि तय करें (Decide Investment Tenure)
आपको कितने समय के लिए निवेश करना है, यह पहले से तय करें।
Example: जैसे परीक्षा की तैयारी के लिए आप तय करते हैं कि रोज कितने घंटे पढ़ाई करनी है, वैसे ही निवेश के लिए भी समय का निर्धारण जरूरी है।
4. फंड का पिछला प्रदर्शन देखें (Analyze Past Performance)
किसी भी फंड में निवेश करने से पहले उसका पिछला रिकॉर्ड जरूर चेक करें।
- हालांकि, यह गारंटी नहीं देता कि भविष्य में भी वही प्रदर्शन होगा।
Example: जैसे एक बल्लेबाज ने पिछले मैच में 100 रन बनाए, लेकिन हर बार ऐसा नहीं हो सकता।
5. Expense ratio और Exit load समझें (Understand Expense Ratio and Exit Load)
- Expense Ratio: वह फीस जो फंड मैनेजर को दी जाती है।
- Exit Load: जल्दी पैसा निकालने पर लगने वाला चार्ज।
Example: जैसे मॉल में पार्किंग के लिए चार्ज देना होता है, वैसे ही निवेश में भी यह शुल्क जरूरी होता है।
6. टैक्स इम्प्लीकेशन (Tax Implications) को जानें
यह समझना जरूरी है कि निवेश पर टैक्स कैसे लगता है।
Example: जैसे अगर आपकी पॉकेट मनी में से ₹100 कोई ले लेता है, तो यह टैक्स जैसा है।
6. म्यूचुअल फंड चुनने के टिप्स (Tips for Choosing the Right Mutual Fund)
1. निवेश के उद्देश्य के आधार पर फंड चुनें (Select Funds Based on Goals)
आपका फंड आपके उद्देश्य के अनुरूप होना चाहिए, जैसे:
- Debt Fund: अगर कम समय के लिए पैसा चाहिए।
- Equity Fund: लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के लिए।
Example: 5 साल के लिए पढ़ाई के खर्च को बचाने के लिए Debt Fund बेहतर है, जबकि 15 साल के निवेश के लिए Equity Fund सही रहेगा।
2. रेटिंग और रिव्यू देखें (Check Ratings and Reviews)
फंड की विश्वसनीयता को जांचने के लिए उसकी रेटिंग और निवेशकों के रिव्यू जरूर पढ़ें।
Example: जैसे मोबाइल खरीदने से पहले उसकी रेटिंग चेक करते हैं, वैसे ही फंड का रिव्यू भी देखें।
3. AMC की साख और फंड मैनेजर का अनुभव जानें (Check AMC Reputation and Manager’s Experience)
AMC और फंड मैनेजर का अनुभव समझना जरूरी है।
Example: जैसे क्रिकेट टीम के लिए सबसे अच्छा कोच चुनते हैं, वैसे ही निवेश के लिए अनुभवी फंड मैनेजर का चयन करें।
4. जोखिम प्रोफाइल का मूल्यांकन करें (Assess Risk Profile)
अपने जोखिम सहन करने की क्षमता के आधार पर फंड का चयन करें।
- Low Risk: Debt Funds।
- Moderate Risk: Hybrid Funds।
- High Risk: Equity Funds।
Example: अगर आप जोखिम लेने से बचना चाहते हैं, तो Debt Fund चुनें। लेकिन अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं और जोखिम सह सकते हैं, तो Equity Fund बेहतर है।
7. निवेश कैसे शुरू करें? (How to Start Investing in Mutual Funds)
1. KYC प्रक्रिया पूरी करें (Complete KYC Process)
Mutual Fund में निवेश करने से पहले KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है।
- इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य जरूरी डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है।
Example: जैसे स्कूल में एडमिशन के लिए डॉक्यूमेंट्स जरूरी होते हैं, वैसे ही निवेश के लिए KYC जरूरी है।
2. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या एडवाइजर चुनें (Choose an Online Platform or Advisor)
- Groww, Zerodha जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या किसी अनुभवी फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद लें।
Example: जैसे स्कूल की तैयारी के लिए एक ट्यूटर मदद करता है, वैसे ही ये प्लेटफॉर्म आपके निवेश को आसान बनाते हैं।
3. SIP या Lump Sum चुनें (Select SIP or Lump Sum)
- नियमित निवेश (SIP) या एकमुश्त निवेश (Lump Sum) के बीच चयन करें।
Example: जैसे गुल्लक में हर दिन ₹10 डालना SIP जैसा है, जबकि ₹1000 एक बार में डालना Lump Sum है।
4. फंड में नियमित निवेश करें (Invest Regularly)
नियमित निवेश आपको कंपाउंडिंग का लाभ देता है और आपका फंड बेहतर तरीके से बढ़ता है।
Example: जैसे रोज पढ़ाई करने से अच्छे नंबर आते हैं, वैसे ही नियमित निवेश से बड़े रिटर्न मिलते हैं।
8. म्यूचुअल फंड में निवेश के दौरान ध्यान रखने वाली बातें (Things to Keep in Mind While Investing)
1. नियमित रूप से निवेश की समीक्षा करें (Review Investments Regularly)
समय-समय पर अपने फंड का प्रदर्शन चेक करें।
Example: जैसे परीक्षा की तैयारी का हर हफ्ते रिव्यू करते हैं, वैसे ही निवेश का रिव्यू भी करें।
2. बाजार की अस्थिरता से घबराएं नहीं (Don’t Panic with Market Volatility)
शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव को समझें और घबराएं नहीं।
Example: जैसे बारिश के बाद सूरज निकलता है, वैसे ही मार्केट गिरने के बाद फिर से बढ़ता है।
3. दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखें (Focus on Long-Term Goals)
Mutual Fund से बेहतर रिटर्न पाने के लिए धैर्य रखना जरूरी है।
Example: जैसे एक पौधा समय के साथ बड़ा होता है, वैसे ही Mutual Fund लंबे समय में अच्छा रिटर्न देता है।
4. जरूरत पड़ने पर फंड बदलें (Switch Funds if Needed)
अगर आपका फंड उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो बेहतर विकल्प चुनें।
Example: जैसे अगर एक टीचर से आपको फायदा नहीं हो रहा, तो आप नया टीचर चुनते हैं।
9. म्यूचुअल फंड में निवेश के सामान्य मिथक (Common Myths About Mutual Funds)
1. केवल अमीर लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
- सच्चाई(truth): म्यूचुअल फंड में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है।
- SIP के जरिए ₹500 जैसे छोटे अमाउंट से शुरुआत की जा सकती है।
Example: जैसे एक छात्र अपनी पॉकेट मनी से ₹500 बचाकर गुल्लक में डालता है, वैसे ही छोटे निवेश से Mutual Fund में शुरुआत की जा सकती है।
2. म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिम भरा है।
- सच्चाई(truth): हर फंड का जोखिम अलग होता है।
- Equity Funds में थोड़ा ज्यादा जोखिम होता है।
- Debt Funds में कम जोखिम होता है।
Example: जैसे कोई पहली बार साइकिल चलाना सीख रहा हो, तो वह छोटे और सुरक्षित रास्तों पर अभ्यास करता है। निवेश भी इसी तरह शुरुआत में सुरक्षित विकल्पों से किया जा सकता है।
3. Mutual Fund में सफल होने के लिए विशेषज्ञ होना जरूरी है।
- सच्चाई(truth): Mutual Fund में निवेश के लिए विशेषज्ञ होना जरूरी नहीं है।
- निवेश का प्रबंधन अनुभवी फंड मैनेजर करते हैं।
Example: जैसे डॉक्टर आपके इलाज का पूरा ख्याल रखते हैं, वैसे ही फंड मैनेजर आपके पैसे को सही जगह निवेश करते हैं।
10. म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए बेहतर रणनीतियाँ (Strategies for Successful Investing)
1. नियमित SIP निवेश करें (Power of SIP)
- हर महीने छोटी रकम का निवेश करें।
- कंपाउंडिंग की ताकत से यह रकम लंबे समय में बड़ी बन जाती है।
Example: जैसे रोज ₹10 बचाने से साल के अंत में ₹3650 जमा होते हैं, वैसे ही SIP के जरिए छोटे निवेश से बड़ी रकम तैयार होती है।
2. बाजार का समय न करें (Don’t Time the Market)
- शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को समयानुसार भांपने की कोशिश न करें।
- नियमित निवेश करना ज्यादा फायदेमंद होता है।
Example: जैसे बारिश कब होगी, यह सटीक अंदाजा लगाना मुश्किल है, वैसे ही बाजार के सही समय का अनुमान लगाना भी कठिन है।
3. विभिन्न फंड्स में विविधता लाएं (Diversify Across Funds)
- केवल एक फंड में निवेश न करें।
- Equity, Debt, और Hybrid Funds में अपने पैसे को बांटें।
Example: जैसे टिफिन में पराठा, चावल और फल रखते हैं। अगर एक खराब हो जाए, तो दूसरे का सहारा लिया जा सकता है।
4. वित्तीय सलाहकार की मदद लें (Seek Financial Advisor’s Help)
- अगर आपको निर्णय लेना कठिन लगे, तो किसी अनुभवी फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लें।
Example: जैसे स्कूल में सब्जेक्ट चुनने के लिए आप टीचर की मदद लेते हैं, वैसे ही निवेश में एक्सपर्ट की सलाह लें।
11. निष्कर्ष (Conclusion)
Mutual Fund में निवेश करना एक शानदार विकल्प है, अगर आप सही रणनीति और धैर्य के साथ निवेश करते हैं।
क्या करें?
- अपने वित्तीय लक्ष्य तय करें।
- सही फंड का चयन करें।
- निवेश को नियमित रूप से रिव्यू करें।
- लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश करें।
क्या न करें?
- बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं।
- जल्दबाजी में निवेश या पैसे निकालने का निर्णय न लें।
Example: जैसे एक पौधा समय और सही देखभाल के बाद फल देता है, वैसे ही Mutual Fund में निवेश से समय के साथ अच्छे रिटर्न मिलते हैं।
- SIP (Systematic Investment Plan): यह एक ऐसा तरीका है, जिसमें आप हर महीने छोटे-छोटे अमाउंट (जैसे ₹500 या ₹1000) निवेश करते हैं। यह नियमित और अनुशासित निवेश के लिए आदर्श है।
- Lump Sum Investment: इसमें आप एक बार में बड़ी रकम (जैसे ₹50,000) निवेश करते हैं। यह उन लोगों के लिए सही है, जिनके पास पहले से एक बड़ी धनराशि उपलब्ध है।
- Equity Mutual Fund:
- यह मुख्य रूप से शेयर मार्केट में निवेश करता है।
- इसमें जोखिम अधिक होता है, लेकिन लंबे समय में उच्च रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
- यह उन लोगों के लिए सही है, जो लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं और जोखिम लेने को तैयार हैं।
- Debt Mutual Fund:
- यह Bonds, Treasury Bills, और Government Securities में निवेश करता है।
- इसमें जोखिम कम होता है और स्थिर रिटर्न मिलता है।
- यह उन लोगों के लिए सही है, जो सुरक्षित और नियमित आय चाहते हैं।
AMC का मुख्य काम निवेशकों के पैसे को सही जगह पर लगाना होता है।
- यह निवेशकों के धन को शेयर मार्केट, बॉन्ड्स, और अन्य फाइनेंशियल विकल्पों में निवेश करता है।
- यह जोखिम को प्रबंधित करता है और निवेशकों को नियमित रूप से उनके निवेश की रिपोर्ट देता है।
- फंड मैनेजर AMC की ओर से यह सुनिश्चित करते हैं कि निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिले।
Diversification का मतलब है कि आपका पैसा कई जगहों (जैसे शेयर, बॉन्ड, और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स) में निवेश किया जाता है।
- यह निवेश से जुड़े जोखिम को कम करता है।
- अगर किसी एक निवेश में नुकसान हो भी जाए, तो बाकी निवेश उसे संतुलित कर सकते हैं।
- उदाहरण: जैसे टिफिन में कई प्रकार का खाना रखना, ताकि अगर एक खराब हो जाए तो दूसरा विकल्प हो।
- Expense Ratio: यह वह फीस है, जो फंड मैनेजर को आपके निवेश को प्रबंधित करने के लिए दी जाती है।
- Exit Load: यह वह चार्ज है, जो Mutual Fund से पैसा जल्दी निकालने पर लगता है।
- उदाहरण: जैसे मॉल की पार्किंग के लिए शुल्क देना, वैसे ही निवेश में भी ये शुल्क जरूरी होते हैं।
- यह समझना जरूरी है, क्योंकि ये आपकी निवेश से मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं।
- Financial Goals तय करने से आपको यह समझने में मदद मिलती है कि आप निवेश क्यों कर रहे हैं और आपको कितना रिटर्न चाहिए।
- यह आपको सही Mutual Fund चुनने में मदद करता है।
- उदाहरण: अगर आपका लक्ष्य घर खरीदना है, तो आप Equity Funds जैसे उच्च रिटर्न वाले फंड चुन सकते हैं। वहीं, अगर आपका लक्ष्य बच्चों की पढ़ाई के लिए सुरक्षित निवेश है, तो Debt Funds बेहतर हो सकते हैं।
KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया Mutual Fund में निवेश शुरू करने से पहले अनिवार्य है।
- इसमें आपको अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, और पते का प्रमाण (Address Proof) देना होता है।
- यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पूरी की जा सकती है।
- उदाहरण: जैसे स्कूल में एडमिशन के लिए डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है, वैसे ही निवेश के लिए KYC जरूरी है।
Mutual Fund का चयन करने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:
निवेश उद्देश्य:
- Debt Fund: कम समय के लिए।
- Equity Fund: लंबी अवधि के वेल्थ क्रिएशन के लिए।
बाजार की अस्थिरता (Market Volatility) के समय घबराने की जरूरत नहीं है।
- Mutual Fund में लंबे समय तक निवेश करें।
- बाजार के उतार-चढ़ाव को एक सामान्य प्रक्रिया समझें।
- उदाहरण: जैसे बारिश के बाद सूरज निकलता है, वैसे ही बाजार गिरने के बाद फिर से बढ़ता है।
- नियमित निवेश जारी रखें और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान दें।
नहीं, Mutual Fund में निवेश करने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं है।
- आप SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए केवल ₹500 जैसे छोटे अमाउंट से भी शुरुआत कर सकते हैं।
- उदाहरण: जैसे एक छात्र अपनी पॉकेट मनी से ₹500 बचाकर गुल्लक में डालता है, वैसे ही छोटे निवेश से Mutual Fund में शुरुआत की जा सकती है।
नहीं, Mutual Fund में निवेश के लिए मार्केट का एक्सपर्ट होना जरूरी नहीं है।
- निवेश का प्रबंधन अनुभवी फंड मैनेजर्स द्वारा किया जाता है, जो आपके पैसे को सही जगह पर निवेश करते हैं।
- उदाहरण: जैसे डॉक्टर आपके इलाज का ध्यान रखते हैं, वैसे ही फंड मैनेजर्स आपके निवेश का ध्यान रखते हैं।
नहीं, बाजार के सही समय का इंतजार करना जरूरी नहीं है।
- बाजार का समय भांपना मुश्किल है।
- Mutual Fund में नियमित निवेश (SIP) करना अधिक फायदेमंद होता है।
- उदाहरण: जैसे बारिश कब होगी, यह सटीक अंदाजा लगाना कठिन है, वैसे ही बाजार के सही समय का अनुमान लगाना भी मुश्किल है।